छोटी आँखों से बड़े सपना रखने वाला धोनी ।

यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा की भारत में क्रिकेट एक धर्म की तरह है जिसके करोड़ों अनुयायी हैं और कई भगवान भी। भारत में यदि सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के सबसे बड़ा भगवान का दर्जा दिया जाता है तो राहुल द्रविड, विराट कोहली, सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी आदि खिलाड़ी भी किसी देवता से कम नहीं माने जाते हैं। ऐसे में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा करना उनके करोड़ों चाहने वालों के लिए किसी झटके से कम नहीं है। हालांकि इसके कयास काफी लंबे समय से लगाए जा रहे थे लेकिन 15 अगस्त को अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर इसकी घोषणा कर के उन्होंने इन सभी कयासों पर अंततः पूर्णविराम लगा दिया है।धोनी हमेशा सर्प्राइज़ देने के लिए जाने जाते है इस बार भी उन्होंने वैसा ही किया इससे पूर्व टेस्ट क्रिकेट में भी धोनी ने ऐसे ही अचानक से टेस्ट सिरीज़ के बीच सन्यास की घोषणा कर दी,इस बार भी धोनी के सन्यास लेने की खबर से मैं उसी तरह से हैरान हुआ हूँ जैसे 2013 में सचिन तेंदुलकर को अपना अंतिम टेस्ट मैच खेलता देखने पर हुआ था। लेकिन धोनी सिर्फ एक महान क्रिकेट खिलाड़ी नहीं है जिनके नाम कई रिकार्ड दर्ज हैं और जिनके नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना स्वर्णिम दौर देखा है,क्रिकेट के हर फ़ॉर्मैट में भारत को चैम्पीयन बनाया,धोनी एक ऐसे ‘यूथ आइकान’ हैं जो भारत के छोटे-छोटे शहरों में रहने वाले, मध्यम वर्गीय परिवारों से संबंध रखने वाले हम जैसे करोड़ों युवाओं का नेतृत्व करते हैं, उनके अंदर यह हिम्मत और हौसला प्रदान करते हैं कि यदि आपके अंदर जज़्बे और जुनून की कोई कमी नहीं है, तो आप किसी भी सपने को हकीकत में बदल सकते हैं। धोनी उस ‘न्यू इंडिया’ के ब्रांड हैं जिसकी आँखें तो छोटी हैं, लेकिन ख्वाब बहुत बड़े हैं, जिसके पास साधन तो सीमित हैं, लेकिन संभावनाएं असीमित हैं। रांची जैसे नगर से आने वाला एक लड़का जो कभी रेल्वे का मुलाज़िम हुआ करता था, एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बन कर के उसे विश्व विजेता बनाएगा, ऐसा शायद किसी ने कभी सोचा न था। अक्सर युवाओं के ऊपर यह तंज कसा जाता है कि उनके अंदर धैर्य और संयम का अभाव होता है। लेकिन धोनी उर्फ माही ने दुनिया को यह दिखाया की भारत का युवा धैर्य और जोश के बीच संतुलन बनाना जनता है। प्रतिकूल परिस्थितियों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना माहीं की विशेषता रही है और यही गुण ‘न्यू इंडिया’ के युवाओं में देखने को मिलता है जो आपदा में भी अवसर खोज लेते हैं। धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के ही नहीं बल्कि उस आकांक्षावादी नए भारत की पूरी युवा पीड़ी के कप्तान है जो जोखिम उठाने से नहीं डरती है, और जिसने ‘जीवन में मंगल’ से ‘मंगल में जीवन’ तक का सफर तय किया है। धोनी कामयाबी और विनम्रता की मिसाल हैं। मुझे याद है धोनी की चर्चा मेरे एक पटना के मित्र ने किया था की पटना के एक मैच में राँची के खिलाड़ी ने खूब छक्का लगाया उसके कुछ सालों बाद धोनी को अंतरराष्ट्रीय खेल में खेलते देखा जहां वो अपने खेल कौशल से सबको अपनी ओर मोह रहे थे साथ में वो बड़े बाल वाला फ़ैशन भी चल पड़ा था। किसे पता था की वो कौशल एक दिन भारत का विश्वास बन जाएगा।”कूल” शब्द उनके किए उपमा बन गई। धोनी है न सम्भाल लेगा” अब ये बात नहीं बोली जाएगी । कुछ करने के लिए कोई बहाना नहीं इस बात को धोनी ने सिद्ध किया की कुछ करने के लिए सिर्फ़ एक नियत काफ़ी है और ना करने के लिए तो अनंत बहाना है। धोनी आप हम स्मॉल टाउन के हीरो हो कैसे क्रिकेट से फ़ुर्सत मिले तो “भारतीय सेना” में अपनी सेवाएँ दी ये जज़्बा बतलाती है आपके लिए राष्ट्र प्रथम है।
धोनी आपके सन्यास लेने के कारण उनकी कमी क्रिकेट जगत से भी ज़्यादा हम सब के दैनिक जीवन की संभावनाओं में खलेगी।  आपके भविष्य के लिए मंगल कामनाएँ ।